Thursday, December 6, 2018

मंगलनाथ के दरबार में भात पूजा से कैसे मंगल दोष दूर हो जाता

 वर्तमान समय में युवा वर्ग एक ऐसे वैज्ञानिक समय में मस्ती के साथ जी रहा है जिसमे शादी सिर्फ एक स्त्री पुरुष की स्वेक्षा चरिता का सम्बन्ध बना हुआ है, मतलब जब तक बनी तब तक साथ है नहीं तो अलग, क्युकी दोनों ही लोग स्वाबलंबी है, एक धन कामना सीख गया है तो दूसरा खाना बनाना, जबकि पहले  के समय स्त्री और पुरुष अपने कर्मो में सुखी थे, और किसी प्रकार का मनमुटाव होने की स्थिति में घर के बड़े बुजुर्गो की सलाह लेते थे, लेकिन अब मनमुटाव होने पर कानून की शरण लेकर अलग हो जाते है बिना सोचे की इस अलग होने से हमारे बच्चे पर क्या असर पड़ेगा।

अब इतने अति जागरूक अति विकसित मानसिकता के वैज्ञानिक युग में जीने वाले को हम उसकी कुंडली देखने या दिखाने को कह दे तो वो हमे अंधविश्वासी कहने लगते है, लेकिन सोचने की बात ये है अलग होने के दुष्परिणाम दोनों ही जानते है फिर भी उनकी जागरूकता और विकसित मस्तिक्स यहाँ काम नहीं करता है।

इस समस्या का निवारण हमारे वैदिक ज्योतिष शास्त्र में  है,हमारा ज्योतिष शास्त्र यही बताता है की सबकुछ जानते हुए भी मनुष्य क्यों गलत मार्ग पर भगता जा रहा है, उसके भगने का कारन है उसकी कुंडली में मंगल की अजीव स्थिति में होना, अब किसकी कुंडली में क्या दोष है ये तो उसकी कुंडली देखकर ही पता चलता है, फिर भी अगर पति पत्नी की अनवन एक का हमेशा दुखी रहना, एक का सदैव बीमार रहना, रोज घर में खटपट होना, किसी एक जातक के मंगली होने के लक्षण है, और इसे आप भी अपनी कुंडली में देख सकते है. (मंगलनाथ पूजा उज्जैन)

अगर आपकी कुंडली में ग्रहो की दशा के अनुसार पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें घर में मंगल हो तो ऐसी स्थिति में पैदा हुआ जातक मांगलिक कहा जाता है, और इसका सर्वोत्तम उपाय है, उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में पूजा, उज्जैन में पंडित रमाकांत जी एक सुविख्यात ब्राह्मण है जो मंगल भात पूजा में सिद्धहस्थ है, उनका सम्पर्क सूत्र सख्या :- 9977525580

Famous Pandit in Ujjain ,  Mangal Puja Ujjain

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