Thursday, November 1, 2018

कुंडली मिलान क्यों जरूरी


भारतीय संस्कृति में विवाह जीवन के एक अनिवार्य संस्कारों में से एक है। ज्योतिष शास्त्र में शादी के लिए कुंडली मिलान को बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। विवाह दो लोगों के बीच बनने वाला एक ऐसा संबंध है जो 7 जन्मों तक एक दूसरे का साथ देते हैं। हिन्दू संस्कृति में विवाह होने से पहले लड़का और लड़की का कुंडली मिलान जरूर किया जाता है। हमारे माता-पिता और बुजुर्गो के अनुसार शादी शुदा जिंदगी अच्छी तरह से बीते इसके लिए विवाह होने से पहले दोनों की कुंडली का मिलान बेहद जरुरी होता है।

[यहाँ पर पंडित रमाकांत जी का एक संक्षित परिचय देना आवश्यक है, पंडित जी उज्जैन निवासी है और वैदिक कर्मकांडो में सिद्धस्त है, द्वारा बहुत प्रकार की पूजा वैदिक विधि से सम्पन्न हुयी है एवं करवाने वाले को लाभ भी हुआ है, पंडित जी कालसर्प-दोष, अर्क विवाह, मंगल भात पूजा, पितृदोष, रुद्राभिषेक पूजा, वास्तुदोष निवारण के लिए पुरे उज्जैन में प्रसिद्द है ]

कुंडली मिलान के बिना विवाह सफल नहीं माना जाता है। कुंडली मिलान से दोनों इंसानों के रिश्तों की स्थिरता के बारे में सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है। कुंडली मिलान के बिना एक अच्छे जीवन साथी की खोज पूरी नहीं होती। इसलिए विवाह से पूर्व कुंडली मिलान बहुत जरूरी होता है। [मंगलनाथ पूजा उज्जैन]

दो लोगों का कुंडली मिलान करते समय सबसे पहले उनके गुणों का मिलाना करना होता है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में 8 प्रकार के गुणों का मिलान किया जाता है। ये गुण इन प्रकार के होते है - वर्ण, वश्य, तारा, योनि, गृह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी। विवाह में इन गणों का मिलान बहुत जरूरी होता है। गुण मिलान के बाद कुल 36 अंक होते है। लड़का और लड़की दोनों की कुंडली में 36 में से 18 मिलने पर शादी को सफल माना जाता है। सफल शादी के लिए 36 में से 18 गुणों का मिलना बहुत जरूरी माना जाता है। [ कालसर्प पूजा उज्जैन]

ज्योतिष के अनुसार आइए जानते हैं विवाह के लिए कितने गुण का मिलना शुभ होता है और कितने अशुभ:

18 या इससे कम गुण मिलने पर ज्यादातर विवाह के असफल होने की संभावना होती है।
जिस वर-वधु के कुंडली मिलान में 18-24 गुण मिलते हैं ऐसा विवाह सफल तो होता है लेकिन जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करने की संभावना ज्यादा होती है। जिस किसी के गुण मिलान में 24 से 32 गुण मिलते हों उनका विवाह सफल माना जाता है। [कालसर्प दोष निवारण पूजा उज्जैन]
अगर किसी के कुल 36 गुण मिलते हों उसकी शादी बहुत ही शुभ मानी जाती है और बिना कोई परेशानी के दोनों का जीवन बड़े सुख और समृद्धि से बीतता है। कुंडली मिलान क्यों जरूरी
विवाह पूर्व कुंडली मिलान से वर और वधु के नक्षत्र और ग्रह एक दूसरे के लिए अनुकूल है इस बारे में पता लगाया जाता है। अगर दोनों के ग्रह और नक्षत्र सही होते है तो वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। वहीं अगर दोनों के ग्रह-नक्षत्र प्रतिकूल होते हैं तो इनके जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आती हैं। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में विवाह पूर्व कुंडली मिलान की परंपरा होती है। [सर्प दोष पूजा उज्जैन]

कुंडली मिलान कैसे
कुंडली मिलान करते समय वर-वधु का नाम, जन्मतिथि, जन्मस्थान और जन्म का समय बताना होता है जिसके आधार पर दोनों की कुंडलियों का अध्ययन करके उनके वैवाहिक जीवन का आंकलन किया जाता है।

फ्री में कैसे करें कुंडली मिलान
हिन्दू परिवार में जब किसी लड़का या लड़की का विवाह तय होता है तो उसके पहले दोनों की जन्म कुंडली का मिलान किया जाता है। इस कुंडली मिलान से यह पता करने की कोशिश की जाती है कि दोनों का कुल 36 गुणों में से कितने गुण मिलते है। साथ ही दोनों के भाग्य और दुर्भाग्य का भी मिलान किया जाता है। अमर उजाला अपने पाठकों को बिना किसी शुल्क के भुगतान के शादी के बंधन में बंधने वाले जोड़ियों का कुंडली मिलान करने की सुविधा प्रदान कर रहा है। यहां पर वर-वधु का पूरा विवरण डालकर कुंडली मिलान किया जा सकता है। [Kaal sarp Puja Ujjain]

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